Thursday, 29 December 2016

नव वर्ष मंगलमय हो

(नव वर्ष)
आखिर हम ये नववर्ष क्यूँ मनाते हैं?
अक्सर ये प्रश्न मन में कुलबुलाते हैं
मनाते हैं तो इतना उल्लास कहाँ से लाते हैं
बिना कारण ही उमंग में डूब जाते हैं
आखिर हम ये नववर्ष क्यूँ मनाते हैं?
जैसा सर्द मौसम दिसंबर का बिताते हैं
वही सर्द हवायें ,कंपकपी जनवरी में पाते हैं
आखिर हम ये नववर्ष क्यूँ मनाते हैं?
हमारे बड़े बुजुर्ग हमें ये बात समझाते हैं
हर त्योहार मनाने का कारण बताते हैं
आखिर हम ये नववर्ष क्यूँ मनाते हैं?
नवसंवत्,नई फ़सल व ऋतु की सौगात लाते हैं
गर्म जलवायु के आदि हम प्रसन्नता जताते हैं
आखिर हम ये नववर्ष क्यूँ मनाते हैं
बरसात में कीड़े मकोड़ो के प्रकोप बढ़ जाते हैं
संयम रखो खानपान में सावन के उपवास सिखाते हैं
आखिर हम ये नववर्ष क्यूँ मनाते हैं?
करवे के जल वातावरण में ठंडक बढ़ाते हैं
चंद्र को नमन कर शीतलता का महत्व बताते हैं
आखिर हम ये नववर्ष क्यूँ मनाते हैं?
दीपावली पर तो त्योहारों के अम्बार लगाते हैं
नये धान के आगमन पर खील खिलौनों के भंडार सजाते हैं
आखिर हम ये नववर्ष क्यूँ मनाते हैं?
मकर संक्रान्ति पर तिल,गुड़ व मूंगफली बरसाते हैं
दान पुन कर सबको खुशियों में शामिल कर जाते हैं
आखिर हम ये नववर्ष क्यूँ मनाते हैं?
मनभावन होली में चहुँ ओर रंग बरसाते हैं
गन्ना, चना भून होली के जश्न में डूब जाते हैं
आखिर हम ये नववर्ष क्यूँ मनाते हैं?
नववर्ष पर दिन,मास व साल का ही बदलाव पाते हैं
बस घर की दीवारों पर नया कैलेंडर लगाते हैं
आखिर हम ये नववर्ष क्यूँ मनाते हैं?
हम भारतीय हर ख़ुशी में सम्मिलित हो जाते हैं
सम्भवतः इसीलिये ये नववर्ष मनाते हैं
चलो हम भी आज ये परिपाटी निभाते हैं
हर्षोल्लास से नववर्ष की धूम धाम मचाते हैं
आओ मिल कर हम सब भी नववर्ष मनाते हैं।
"नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं"
"सन् 2017 मंगलमय हो"
               "मीनाक्षी मेहंदी"

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