मेरे रंगरसिया
जैसा मुझको रंग गये ना रंगना किसी को जीवन में
चाहे पुनः ना मिलना,ना अपनाना अपने मन में
मेरी पहली नज़र मिली तुझसे जब से
नैन हुये सुरमई रंग में रंगें हुये तब से
मैं कोरी,मेरा अंतस भी था कोरा
तेरे सम्मोहन से रंगा रोम रोम मोरा
चढ़ गया हर अंग में गाढ़ा रंग तेरा
संदली सुगंध से महका मन मेरा
कई सिंदूरी दिवस बीते कई रात कारी
उतरती नहीं अब ये तेरी अजब रंगदारी
चाहे पुनः ना मिलना,ना अपनाना अपने मन में
जैसा मुझको रंग गये ना रंगना किसी को जीवन में
मीनाक्षी मेहंदी
👍👍
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