होली तो....हो...ली
सबसे पहला विज्ञान प्रयोग:एक बीकर पानी में चीनी को विलय करते है , संतृप्त बिंदु पर और चीनी नही घुलती......
मन में आशाएँ विलय करते करते लगता है कोई संतृप्त बिंदु आ गया है,
होली के लिए ना कोई उमंग,उत्साह,ना कोई नैराश्य,ना निराशा....
हर वर्ष होली बीतते ही दूसरी होली की प्रतीक्षा शुरू हो जाती थी.....
इस वर्ष होली को लेकर कोई चाव ही नहीं है मन में......
पकवान भी बन रहे हैं ,शुभ होली भी बोला जायेगा,यदि कोई रंग गुलाल लगाएगा तो सहर्ष उसे रंगा भी जायेगा किन्तु ये उदासीनता क्यों है?
ये महानता के लक्षण हैं या वैराग्य के .....
मित्रों मार्गदर्शन करें.....
सबसे पहला विज्ञान प्रयोग:एक बीकर पानी में चीनी को विलय करते है , संतृप्त बिंदु पर और चीनी नही घुलती......
मन में आशाएँ विलय करते करते लगता है कोई संतृप्त बिंदु आ गया है,
होली के लिए ना कोई उमंग,उत्साह,ना कोई नैराश्य,ना निराशा....
हर वर्ष होली बीतते ही दूसरी होली की प्रतीक्षा शुरू हो जाती थी.....
इस वर्ष होली को लेकर कोई चाव ही नहीं है मन में......
पकवान भी बन रहे हैं ,शुभ होली भी बोला जायेगा,यदि कोई रंग गुलाल लगाएगा तो सहर्ष उसे रंगा भी जायेगा किन्तु ये उदासीनता क्यों है?
ये महानता के लक्षण हैं या वैराग्य के .....
मित्रों मार्गदर्शन करें.....
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