"अप्सरा"
अप्सरा अधिकारिणी नहीं होती निज अरमानों के लिये
निर्मित किया गया है उसे केवल भोग विलास के लिये
भेजा जाता है कभी किसी की तपस्या भंग करने के लिये
प्रयुक्त होती हैं इंद्रसभा में गान नृत्य व मनोरन्जन के लिये
साधन बनती हैं विष अमृत के बंटवारें में छल कपट के लिये
अप्सरा अधिकारिणी नहीं होती निज अरमानों के लिये
निर्मित किया गया है उसे केवल भोग विलास के लिये
कोटि कोटि गुणवंती हों या हों ब्रह्मांड में सर्वाधिक रूप लिये
त्याग जाना ही होता है दूधमुहें बालक को ह्रदय भारी लिये
अपना नहीं सकतीं गर उपज जाये प्रेम हठी तपी के लिये
अप्सरा अधिकारिणी नहीं होती निज अरमानों के लिये
निर्मित किया गया है उसे केवल भोग विलास के लिये
पूर्ण कर कार्य लौट कर जाना ही होता है पुनः स्वर्ग के लिये
प्यार,ममता,संवेदना,पवित्रता मात्र शब्द होते हैं उसके लिये
उसका सम्पूर्ण औचित्य है देवताओं के हित साधने के लिये
अप्सरा अधिकारिणी नहीं होती निज अरमानों के लिये
निर्मित किया गया है उसे केवल भोग विलास के लिये
देव अपना वर्चस्व व सुरक्षा को सदा कायम रखने के लिये
यदा कदा भेज देते हैं धरा पर ,मानव को भटकाने के लिये
प्रारब्ध यही है उनका,यही लेखा नियत हुआ है उनके लिये
अप्सरा अधिकारिणी नहीं होती निज अरमानों के लिये
निर्मित किया गया है उसे केवल भोग विलास के लिये
मीनाक्षी मेहंदी
ऐसा ही हैं जीवन नारी का ,इसी त्याग के कारण वो भगवान से ऊपर है
ReplyDeleteधन्यवाद सुप्रभात
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