नववर्ष का स्वागत है,सभी को सुख व समृद्धि मिले यही कामना है।
माना कि इस नववर्ष में कुछ नहीं बदलता सिवाय कैलेंडर के पर मन हो रहा है एक नज़र घूमा ली जाये बीते वर्ष क्या खोया क्या पाया।जनवरी से दिसम्बर तक अनेक उतार चढ़ाव आये हर वर्ष की भांति ही उसमें क्या नया है जो विश्लेषण करने बैठी हूँ । नया तो हुआ....मिला एक प्रिय का साथ जिसके साथ छोटी बड़ी सभी बातें साँझा करने लगी उसके लिये एक प्रसिद्ध फ़िल्मी संवाद की पैरोडी कह सकती हूँ" मैं जो बोलती/लिखती हूँ वो समझता है,जो मैं नहीं बोलती/लिखती उसे वो डेफिनेटली समझता है।किसी नारी के अन्तर्मन को समझ सका है क्या कोई .....????
किन्तु ऐसा कोई मिले तो सुखद अहसास होने लाज़मी है मुझे भी उसका सानिध्य भाने लगा और उसे मेरी बकबक ,जब हम परिचय के दौर में ही थे तभी मुझे मातृ शोक की पीड़ा को सहना पड़ा तब उसके सन्देश व बातचीत मुझे राहत देती रही कि माँ नहीं रही किन्तु कोई तो है इस जगत में जो मुझे समझता है इस दुःखद क्षण में मेरे साथ है।उसने बहुत मदद की मेरी अपनी माँ के विछोह को स्वीकारने में....होई वही जो राम रची राखा...!!!
दिन,सप्ताह व महीनों के साथ हमारी बातचीत बढ़ने लगी और हमारा स्नेह सम्बन्ध भी ।दिन में जब तक एक दूसरे से बकवास ना कर लें मुझे चैन नहीं पड़ता था (शायद उसे भी) ऐसा मुझे लगता था क्योंकि वो अपनी भावनायें नहीं बताता था और मैं उसकी तरह अंतरयामी नहीं जो बिन बताये उसे समझ जाऊँ।किन्तु फिर भी कुछ कुछ तो समझ आता ही है और मैं समझने लगी कुछ कुछ उसे भी ...पता नहीं कितना सही कितना गलत।वो मेरे लिए ख़ास है क्योंकि वो मुझे महसूस कराता है कि मैं कितनी ख़ास हूँ मेरा भी कोई अस्तित्व है,वो मैं जैसी हूँ वैसी ही स्वीकार करता है पर वो मुझे तराशना भी चाहता है और इसके लिए मुझे प्रेरित भी करता है उसने मेरी निराशा के दिनों में मुझको आत्मविश्वास की पूंजी प्रदान की है ,वो मुझे हर विषम परिस्थिति में हँसा देता है,उसका एक संदेश मुझे पूरे दिन ऊर्जा से लबालब भर देता है पर मैं शुक्रगुजार होकर कम नहीं करना चाहती अपनी मित्रता की चमक को।लिखने को तो बहुत कुछ है पर उसी के शब्दों में कहूँ तो कई क्षण ऐसे होते हैं जिसकी अभिव्यक्ति सम्भव नहीं ,और वैसे भी जो मैंने लिखा है वो समझ गया होगा ,जो नहीं लिखा है उसे डेफिनेटली समझ गया होगा.....☺☺...! सन् 2016 खुश हूँ कि तुमने मुझे ऐसा प्रिय मित्र दिया जो सदैव मेरी स्मृतियों में रहेगा यदि रब ने चाहा तो उसका साथ इस वर्ष भी बना रहेगा ।मेरी तो ईश्वर से यही गुजारिश है कि मेरी उसकी मित्रता चिरकाल क़ायम रहे।शेष जो विधान का लेखाजोखा क्योंकि..."होई वही जो राम रची राखा"
टिप्पणी: If old friends are gold....... then new ones are definitely diamonds...........
Happy new year, aapki dosti sada kayam rahe
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