करवा चौथ की अनन्त शुभकामनायें
ये पर्व है आस्था का,अटूट समर्पण का,पति की दीर्घायु के लिए पत्नी निर्जल रह करती है मंगलकामनाएं।
सदियों से ये व्रत उपवास रखे जा रहे हैं जो बढ़ाते हैं आपसी प्रेम और सौहार्द को ।मेरी माँ पहनती थी करवाचौथ पर हर साल अपने विवाह की लाल लाल साड़ी जिस पर सजे होते थे सुनहरे सितारे,जब चाँद को पूजने निकलती थीं तो पापा रेकॉर्ड लगा देते थे "चाँद जैसे मुखड़े पर बिंदिया सितारा" तब मम्मी की मन्द मन्द मुस्कान और पापा की अँखियों में छलकती उनके रूप की सराहना अलग ही समां बांध देती थी।
वो निश्छल प्रेम जिससे अभिभूत रहते थे जीवनसाथी। कोई नई साडी की मांग नहीं ,कोई ब्यूटी पार्लर की लंबी चौड़ी भीड़ नहीं,ना कोई विशेष सौन्दर्य प्रसाधन,बस लाल बिंदी,गाढ़ा सिंदूर और हल्की सी लिपस्टिक,बहुत हुआ तो पहन आती थीं मनिहार से कलाई भर कर लाल लाल चूड़ियां।
मैं भी विवाह पश्चात मनाती रही ऐसे ही ये पर्व किन्तु देखते ही देखते हावी होने लगा हमारे व्रत त्योहारों पर बाज़ारवाद,जिसे बढ़ावा देने में अग्रणी रहे सास बहू सीरियल। उपवास का पर्व बन गया लालसाओं का पर्व , जरूर लेने है नये वस्त्र, करना है नया श्रृंगार ,जुटने लगी बाज़ारों में भीड़ और फलने फूलने लगा बाजार वाद।
कुछ महिलायों का व्यवहार तो ऐसा होता है कि ये पति की दीर्घायु का पर्व ना होकर हो उनकी सभी डिमांड पूरी करने का पर्व।
अरे सखियों ,व्रत उपवास का अर्थ है संयम,यदि अपनी भूख प्यास पर आत्मनियंत्रण रख सकती हो तो उपभोक्तावाद पर भी नियंत्रण रखो ,कई अवसर आते हैं खरीदारी के विशेषतौर पर विवाह उत्सव तो होते ही हैं शॉपिंग के लिए।
तब इस दिन को मुक्त कर दो अपनी ऊलजलूल मांगों से,मनाओ इसे निश्छल व निस्वार्थ रूप में।
देखना नया हर्ष उल्लास उठेगा मन में ,और पति के प्रति प्रेम जताने के लिए कोई आवश्यकता नहीं अनुभव होगी भौतिक वस्तुयों की।
"सभी को इस पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं"
Bahut badiya :)
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