" सोने की बेबीडॉल "
मुझे नहीं बनना ,सोना तो है निर्जीव,निष्क्रिय, और केवल देखने मात्र में सुंदर
जीवन की सुंदरता तो है हँसने,खिलखिलाने,गुनगुनाने,चलने,नाचने, रोने और करुण होने में ....
जीवंत होने में ही सुख है अतः मैं बनना चाहूंगी
"पंचतत्व की बेबीडॉल"
मीनाक्षी मेहंदी
टिप्पणी: जीवंत होना ही सौन्दर्य है, सोना तो निर्जीव है।
मुझे नहीं बनना ,सोना तो है निर्जीव,निष्क्रिय, और केवल देखने मात्र में सुंदर
जीवन की सुंदरता तो है हँसने,खिलखिलाने,गुनगुनाने,चलने,नाचने, रोने और करुण होने में ....
जीवंत होने में ही सुख है अतः मैं बनना चाहूंगी
"पंचतत्व की बेबीडॉल"
मीनाक्षी मेहंदी
टिप्पणी: जीवंत होना ही सौन्दर्य है, सोना तो निर्जीव है।
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