अलौकिक प्रेम
श्रीकृष्ण के थीं सोलह हजार रानी
राधा को पत्नी बनाया नहीं
जितनी भी अमर प्रेम कहानियाँ हैं
वो पूर्ण नहीं, हैं सदैव अधूरी ही
हीर रान्झा,लैला मजनूं,सोहनी महिवाल आदि
मिलन होता तो रहते इतने प्रसिद्ध
संभवत यही कारण रोकता रहा है
कहने से अपने हृदय की जिद
लगता है यदि मिल जायेंगे हम तुम
समाप्त हो जायेगा तिलिस्म ख्यालों का
रंगीन अक्स छूने पर अहसास होंगे
अदृशय जैसे बुलबुला पानी का
आभासी संसार होता है अति सुंदर
हरदम ही वास्तविक जगत से
मिलन का भ्रम बना रहे सदा
अभिभूत रहूं छूकर तुम्हें हृदय से......
श्रीकृष्ण के थीं सोलह हजार रानी
राधा को पत्नी बनाया नहीं
जितनी भी अमर प्रेम कहानियाँ हैं
वो पूर्ण नहीं, हैं सदैव अधूरी ही
हीर रान्झा,लैला मजनूं,सोहनी महिवाल आदि
मिलन होता तो रहते इतने प्रसिद्ध
संभवत यही कारण रोकता रहा है
कहने से अपने हृदय की जिद
लगता है यदि मिल जायेंगे हम तुम
समाप्त हो जायेगा तिलिस्म ख्यालों का
रंगीन अक्स छूने पर अहसास होंगे
अदृशय जैसे बुलबुला पानी का
आभासी संसार होता है अति सुंदर
हरदम ही वास्तविक जगत से
मिलन का भ्रम बना रहे सदा
अभिभूत रहूं छूकर तुम्हें हृदय से......
अतिसुन्दर
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