Sunday, 30 October 2016

शुभ दीपावली




आज के दिन प्रभु श्रीराम रावण का वध करने के पश्चात 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापस आये थे,उनके आगमन की ख़ुशी में सभी नगरवासियों ने दीप प्रज्जवलित कर उनका स्वागत किया था।तब से तम पर प्रकाश की विजय का ये पर्व मनाया जाता है ।आप सब के जीवन का तम भी प्रकाश में परिवर्तित हो जाये यही मंगलकामना है।
पर्व है पुरुषार्थ का,
दीप के दिव्यार्थ का,
देहरी पर दीप एक जलता रहे,
अंधकार से युद्ध यह चलता रहे,

हारेगी हर बार अंधियारे की घोर-कालिमा,
जीतेगी जगमग उजियारे की स्वर्ण-लालिमा,
दीप ही ज्योति का प्रथम तीर्थ है,
कायम रहे इसका अर्थ, वरना व्यर्थ है,
आशीषों की मधुर छांव इसे दे दीजिए,
प्रार्थना-शुभकामना हमारी ले लीजिए!!

झिलमिल रोशनी में निवेदित अविरल शुभकामना
आस्था के आलोक में आदरयुक्त मंगल भावना!!!

इसी कामना के साथ

 🔆🔆 दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं🔆🔆

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