Saturday, 15 October 2016

काश......

जिंदगी होती कोई किताब,पुनः पुनः पढ़ लिया जाता
जिंदगी होती कोई फिल्म,बार बार देख लिया जाता
जिंदगी होती कोई एल्बम,पलट पलट निहार लिया जाता
जिंदगी होती कोई समय यंत्र,संग संग बीता वक़्त लौट आता
जिंदगी होती कोई कागज़,मिटा मिटा स्याही लिख लिया जाता
जिंदगी के चलचित्र में बसे दोस्तों को ,नजदीक अति नजदीक बुला लिया जाता।
काश...............काश..............काश...............
                                 मीनाक्षी मेहंदी

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