Saturday, 11 February 2017

वादा करो


"वादा करो"

चलते रहो संग संग ओ मेरे प्रिय हमसफ़र
क्या हुआ जो बिन मंजिल की है ये रहगुजर

बन जायें हवा से, ना आये किसी को नज़र
दो अनजानों का यूं ही चलता रहे ये सफ़र

जाना है किस ठौर ठिकाने या किस नगर
हमको नहीं है कुछ भी सुधबुध और ख़बर

कैसा हुआ है मेरे दिल पर तुम्हारा ये असर
जर्रे जर्रे में अब आते हो बस तुम ही तुम नज़र

तुम्हारे साथ है तो लगे मदहोशियों भरा शहर
अब तो लगने लगी है खूबसूरत हर एक डगर

तुमको रहनुमा बनाने का मिला है जो अवसर
घिरी हूँ तुम्हारी ही चाहतों से ही मैं तो हर पहर

दिन दुनिया से चंद लमहों को हो जायें बेख़बर
बीता दें जिंदगी के कुछ सबसे हसीं जादुई मंज़र

ना दें भले ही एक दूजे को फ़ूल और तोहफ़े मगर
 एक दूजे के ख़ुशी और गम की रखें हरेक ख़बर

वादा करो आज,दुनिया चाहे शहद दे या दे ज़हर
हमारी मोहब्बत सदा बसी रहेगी रूह के अन्दर।
   
                               मीनाक्षी मेहंदी

टिप्पणी: वादा तो नहीं कि जीवन भर साथ निभायेंगे
        पर तुमको कभी भी ना दिल से जुदा कर पायेंगे




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