हे माँ शारदा वर दो, विद्यावान रहें सदा
हे माँ भारती वर दो,उपासना करें सदा
हे माँ सरस्वती वर दो,संगीत सुनें सदा
हे माँ हंसवाहिनी वर दो,वादन करें सदा
हे माँ जगती ख्याता वर दो,नृत्य करें सदा
हे माँ वागीश्वरी वर दो,आनन्द भरें सदा
हे माँ कुमुदीप्रोक्ता वर दो,प्रसन्न रहें सदा
हे माँ ब्रह्णचारिणी वर दो,सदाचारी रहें सदा
हे माँ बुद्धिदात्री वर दो,ज्ञानवान रहें सदा
हे माँ वरदायनी वर दो,प्रकाशवान रहें सदा
हे माँ चंद्रकांती वर दो,गुणवान रहें सदा
हे माँ भुवनेशवरी वर दो,जीवंत रहें सदा।
हे माँ! मन को वीणा की मधुर तान से झँकृत कर दो!
हे वीणावादिनी माँ! कोटिशः कोटिशः नमन
मीनाक्षी मेहंदी
टिप्पणी: कहते हैं कोई रचनाकार तब तक पूर्ण नहीं होता जब तक वो माँ शारदा का वंदन ना लिख ले।हे माँ विलम्ब से ही सही तुम्हारा वंदन करती हूँ।मेरा नमन स्वीकार करो .....
हे माँ भारती वर दो,उपासना करें सदा
हे माँ सरस्वती वर दो,संगीत सुनें सदा
हे माँ हंसवाहिनी वर दो,वादन करें सदा
हे माँ जगती ख्याता वर दो,नृत्य करें सदा
हे माँ वागीश्वरी वर दो,आनन्द भरें सदा
हे माँ कुमुदीप्रोक्ता वर दो,प्रसन्न रहें सदा
हे माँ ब्रह्णचारिणी वर दो,सदाचारी रहें सदा
हे माँ बुद्धिदात्री वर दो,ज्ञानवान रहें सदा
हे माँ वरदायनी वर दो,प्रकाशवान रहें सदा
हे माँ चंद्रकांती वर दो,गुणवान रहें सदा
हे माँ भुवनेशवरी वर दो,जीवंत रहें सदा।
हे माँ! मन को वीणा की मधुर तान से झँकृत कर दो!
हे वीणावादिनी माँ! कोटिशः कोटिशः नमन
मीनाक्षी मेहंदी
टिप्पणी: कहते हैं कोई रचनाकार तब तक पूर्ण नहीं होता जब तक वो माँ शारदा का वंदन ना लिख ले।हे माँ विलम्ब से ही सही तुम्हारा वंदन करती हूँ।मेरा नमन स्वीकार करो .....
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