दुनिया इस वर्ष 44 वां हैलो दिवस मना रही है। विश्व के कुछ प्रमुख नेताओं ने दो देशों के मध्य दीर्धकालीन युद्ध का समाधान करने हेतु संवाद के जरिये शांति स्थापित करने का प्रयास किया।1973 में एक संधि तैयार की गयी जिस पर 180 देशों ने हस्ताक्षर किये हैं।
संवाद जीवन की आवश्यकता है,प्रत्येक जीवित प्राणी किसी ना किसी रूप में परस्पर संवाद करता है।नेत्र भाषा या भावभंगिमा के द्वारा भी संवाद किया जाता है।मुस्कान की अपनी अलग ही भाषा होती है जिसके द्वारा किसी अज़नबी से भी अपनेपन का संवाद कर सकते हैं।
आज के तकनीकी युग में संवाद के आधुनिक तौर तरीक़े email,sms,blog, Twitter, chatting app telecommunication आदि विकसित हो गये हैं ।
विभिन्न messenger app हैं जिनसे पलक झपकते ही अपनों व ग़ैरों के संग विचार अभिव्यक्त करने की सुविधा प्राप्त हो गयी है।
Social network से हमारी मित्रता का दायरा देश,विदेश तक विस्तृत हो गया है।
ये सब होने के पश्चात भी परस्पर बातचीत करने से अलग ही दिली सुकून मिलता है।
भाषा का अविष्कार होने के साथ ही संवाद भी मानव जीवन का अभिन्न अंग बन गया है।
किसी के मन की गहराइयों में उतरने के लिये संवाद आवश्यक है।
एक दूसरे के मन की बात, शिक़वे-शिक़ायत व लाड़ दुलार की अभिव्यक्ति यदि हावभाव के साथ बोल कर भी की जाये तो अलग ही सुखद अनुभव होता है।
अपनों को पत्र लिखना भी संवाद का ही एक हिस्सा है जो अब लुप्त होता जा रहा है।
डायरी लिख कर हम स्वयं से संवाद करते हैं जिसमें अपने राग-द्वेष,भावुकता,निजी प्रसंग व्यक्त करके हल्का महसूस करते हैं।परस्पर संवाद करते रहने से तनाव व अवसाद भी दूर रहते हैं।
अतः आज विश्व हैलो दिवस पर ये संकल्प लें कि परस्पर संवाद कायम रखेंगें और अपने मन के भाव किसी ना किसी रूप में व्यक्त करते रहेंगें, जैसे मैं व्यक्त कर रही हूँ अपने ब्लॉग के माध्यम से.....
" वृक्ष लतायें,पुष्प सब हिल हिल कर
करते हैं बातें हमसे नित झर झर कर
सभी प्राणी बोली या अपनी मूक दृष्टि से
कहते अपनी व्यथा या ख़ुशी झट से
हम भी करें अपनी भावनाओं का संचार
संवाद द्वारा रचें बंधुत्व युक्त प्यारा संसार"
टिप्पणी:
।।संवाद से हर विवाद का समाधान सम्भव है,इसलिये हैलो करते रहें।।
ये हैलो दिवस का खास सन्देश है।
हैलो।
ReplyDeleteHello hello
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