Meenakshi Mehndi
Friday, 4 November 2016
विछोह
"जब कोई वस्तु हमें नहीं मिलती तब हम नियति समझ लेते हैं पर जब कुछ मिल कर लुप्त हो जाता है तब उसका विछोह असहनीय होता है"
टिप्पणी:कहते हैं वक़्त के साथ जख्म भर जाते हैं,ऐसा नहीं होता हम उन जख़्मों के साथ जीना सीख जाते हैं........
1 comment:
Harshi
17 November 2016 at 22:31
Waah! Bahut khoob
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Waah! Bahut khoob
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