Friday, 4 November 2016

विछोह


"जब कोई वस्तु हमें नहीं मिलती तब हम नियति समझ लेते हैं पर जब कुछ मिल कर लुप्त हो जाता है तब उसका विछोह असहनीय होता है"


टिप्पणी:कहते हैं वक़्त के साथ जख्म भर जाते हैं,ऐसा नहीं होता हम उन जख़्मों के साथ जीना सीख जाते हैं........

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