सुख क्या है?"
क्या दुःख का अभाव सुख है?
कोई एक बात या परिस्थिति किसी के लिये सुखकर हो सकती है व किसी के लिए दुखदायी, ये तो हमारी मनोस्थिति पर निर्भर करता है कि हम सुख अनुभव कर रहे हैं या दुःख।
कभी कभी मन सुख दुःख दोनों से परे हो जाता है,पर उस उदासीनता में छिपा होता है "सम्भवतः गहन दुःख"....
जिसके साथ हम वर्षों बिता देते हैं,जो हमें बचपन से जानते हैं,जिन दोस्तों को हमारी एक एक बात पता होती है,वो भी हमें नहीं समझ पाते और एक fb मित्र जो हमारे बारे में कुछ नहीं जानता वो fb पर चंद पोस्ट पढ़ कर हमारी मनोस्थिति का सटीक आकलन कर यथारूप में समझ लेता है और उसका निवारण भी कर देता है,सुखद आश्चर्य ।
नहीं ये आभासी संसार नहीं है,ये वास्तविक संसार का ही एक भाग है जिसमें बसे हैं वास्तविक व्यक्ति,जो हमारी वास्तविक समस्याओं का देते हैं वास्तविक निवारण,बेहद आभार मित्र आपके मार्गदर्शन और उपयुक्त उपाय के लिए,मिल रही है शनेः शनेः नैराश्य से मुक्ति......
जीने लगी हूँ पहले से ज़्यादा.........
टिप्पणी: जाने क्या मैंने कही जाने क्या तूने सुनी बात कुछ बन ही गयी........
गम्भीर पोस्ट। बहुत त खूब।
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