Sunday, 21 May 2017

कुछ खट्टी कुछ मीठी

रूचि ने बाहुबली दिखाने ना ले जाने के लिये रचित को नाराज़गी में कहा तलाक़ तलाक़ तलाक़
और धाड़ से कमरा बन्द कर सो गयी।
  रचित बेचारगी से सोफ़े पर ही सो गया।सुबह रूचि का आक्रोश व रचित दोनों शांत थे।रचित ने खुद ही चाय बना कर पी ली और ब्रेकफास्ट नहीं किया।रूचि की बातों का हाँ या ना में ही ज़बाब दे रहा था।
 ऑफिस जाते हुए रचित रूचि को उसके ऑफिस छोड़ते हुए जाता था।रूचि जब बाइक पर बैठने लगी तो रचित ने कहा नहीं देवी मैं आपके साथ नहीं जा सकता।
  अब रूचि का सब्र ज़बाब दे गया क्यों उसने खीज कर कहा।अब आप मेरे लिए पराई नारी हैं रात आपने मुझे तलाक़ दे दिया है।
 अरे वो तो मैंने गुस्से व मजाक में कह दिया था।
  गुस्से में ही सही किन्तु अब हम अजनबी हैं और बाइक दौड़ा कर ले गया।
  भुनभुनाती हुई रूचि ऑटो से ऑफिस गयी।
रचित रात को देर से आया और बिना खाना खाये ही सोफे पर सो गया।
 दो दिन बाद रचित के ऑफिस से आते ही रूचि बिफ़र गयी,ये कब तक चलेगा।मैं ये तलाक़ रद्द करती हूँ।
  नही तलाक़ ऐसे रद्द नहीं होता है।
 तो फिर से शादी कर लेते हैं।
  फिर से शादी भी ऐसे नहीं होगी।
तब क्या तरीका है।
तुम्हारे ऑफिस में जो मुग्धा काम करती है वो मुझे बहुत पसंद है उससे मेरी ...... तो हमारी फिर से शादी हो सकती है रचित ने शरारत से आँखे नचाई।
  रचित....रूचि ने बनावटी गुस्से से उसे कुशन मारने शुरू कर दिये ,रचित ने उसके हाथ पकड़ कर उसे अपने पास खींच लिया तथा कमरा उनकी खिलखिलाहटों से गुंजायमान हो गया।
           मीनाक्षी मेहंदी

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