Saturday, 20 May 2017

सलोनी की कहानी (10)

सलोनी की दादी व माँ ने कहा पति के दिल का रास्ता उसके पेट से होकर जाता है तो सलोनी ने ये बात गिरह में बांध ली।पहली बार उसे जब खाना बनाने का अवसर मिला तो समस्त पाककला का प्रदर्शन करने की ठान ली। बड़े मनोयोग से मैन कोर्स और डेज़र्ट सब बनाया। मलाई कोफ़्ता,दाल मखानी,फ्रूट रायता,मेथी मटर मलाई, मसाला भिन्डी, बटर नान .... व गुलाब जामुन
 सभी परिवार के सदस्य खाने बैठे और तारीफ़ दर तारीफ़ सुन कर सलोनी फूली नहीं समा रही थी।
   विनीत को जब उसने पानी का गिलास दिया तो वो भुनभुना उठा - पानी क्यों किया गिलास में भी घी भर दो जैसा सब्जियों में है।
   सलोनी हतप्रभ ,इतना घी तो परंपरागत व्यंजनों में डलता ही है यदि शिकायत करनी ही थी तो अकेले में कह देते कि मुझे घी पसन्द नहीं है....
   अब दिल तक जाने का कौन सा रास्ता ढूँढना होगा....

टिप्पणी: यदि ये कहते हुए कि खाना बहुत स्वादिष्ट बना है किंतु मुझे कम घी का सादा भोजन पसन्द है अपनी बात समझाई जाती तो शायद सलोनी का मन भारी ना होता ......

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