Friday, 28 April 2017

अक्षयतृतीया - स्वयम सिद्ध महूर्त


अक्षय तृतीया जो इस वर्ष 28 अप्रैल को है उसका महत्व क्यों है जानिए कुछ महत्वपुर्ण जानकारी
-🙏 आज ही के दिन माँ गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था ।
🙏-महर्षी परशुराम का जन्म आज ही के दिन हुआ था ।
🙏-माँ अन्नपूर्णा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था
🙏-द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था ।
🙏- कृष्ण और सुदामा का मिलन आज ही के दिन हुआ था ।
🙏- कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था ।
🙏-सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ आज ही के दिन हुआ था ।
🙏-ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था ।
🙏- प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण जी का कपाट आज ही के दिन खोला जाता है ।
🙏- बृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में साल में केवल आज ही के दिन श्री विग्रह चरण के दर्शन होते है अन्यथा साल भर वो वस्त्र से ढके रहते है ।
🙏- इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था ।
🙏- अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है

Wednesday, 26 April 2017

23 /4/2016 की यादों की कलम से...

"कुछ यूँ एक बर्ष बीत गया"

यादों का युग लिए...कुछ यूँ...एक बर्ष बीत गया...

दीपक की आलोकित लौ सा, 
यादों का बर्ष बीत गया
कुछ यूँ....एक बर्ष...

नहीं मिट पायीं अंतर्मन में, चिड़ियों सी चहकती
वो गुलाब सी यादें तुम्हारी, पल पल जो महकती

बैशाख की फसलों के ,जब पके कनक
सुगबुगाने लगी ,तुम्हारी यादों की खनक

ज्येष्ठ की लंबी तपती, झुलसाती दुपहरिया
कट गयी तकते हुए, सूनी सूनी डगरिया

आषाढ़ की वो बढ़ती, ऊमस वाली गर्मी
तुम्हारी यादों ने ,ना दिखाई कोई नर्मी

श्रावण में ना बरसी,झमाझम रिमझिम फ़ुहार
यादें करती रहीं ,तरबतर निरंतर धुंआधार

भाद्रपक्ष में सुगन्धित, गीली मिट्टी की गंध
धूमायित जीवन मन्दिर में, यादों की सुगंध

आश्विन में गणपति का, कर दिया विसर्जन
उन्मत्त यादें करती रही, नित नूतन सृजन

कार्तिक  के अनवरत त्यौहार, व दीपावली
वेदों की ऋचा सी गूँजी, यादों की अरावली

मार्गशीष में बिछ गयी ,तजे पत्तों की चादर
तुम्हारी अपरिमित यादों की, उठती रही लहर

पौष में शरद आये ,सहमे हुए से सकुचाते
यादें कुंदन बन गयीं, स्वर्ण सा तपाते तपाते

माघ में धरती ,अच्छादित हुयी कोहरे से
समिधा सी सुलगती यादें, मौन क्रंदन से

फ़ागुन लेकर आया ,चटक रंग व उमंग 
मन सागर को मथते रहे ,यादों के संग

चैत्र लाया नवसंवत,भक्ति भरे भावगीत
निनिर्मेष हृदय में बजते रहे, यादों के संगीत

कुछ यूँ....एक वर्ष बीत गया
यादों का युग लिये
कुछ यूँ....एक बर्ष......
           मीनाक्षी मेहंदी

Saturday, 8 April 2017

विशेष कालखण्ड में गमन


 हे महासमय !एक विशेष कालखण्ड में गमन करना चाहती हूँ
हे कालचक्र !तुम्हें मोड़कर नये सिरे से पुनश्चहः जीना चाहती हूँ

निर्जन सूनी रातों का अकेलापन हटा प्रिय का संग पाना चाहती हूँ
अक्षुमिश्रित क्रंदित क्षणों को खिलखिलाहट बनाना चाहती हूँ
अनेकों अनकहे पलों को किसी के साथ बतियाना चाहती हूँ
चेतना के जला दिये उद्यानों को लहराते हुये देखना चाहती हूँ
स्वयं की पाँव कुचलित सम्भावनाओं को जीवंत करना चाहती हूँ
कठपुतली ना बनकर मेधाशक्ति से अपने निर्णय लेना चाहती हूँ

 हे महासमय !एक विशेष कालखण्ड में गमन करना चाहती हूँ
हे कालचक्र !तुम्हें मोड़कर नये सिरे से पुनश्चहः जीना चाहती हूँ

पंखहीन हो गिरे अंतरंग क्षणों में जाकर उड़ान भरना चाहती हूँ
ह्रदय के नीरस नीरव तट को प्रिय के प्रेमरस में भिगोना चाहती हूँ
मशीनी कलपुर्जा ना बन अंतर में सुधियों का प्रकाश चाहती हूँ
रूढ़ियों की बोझ तले दबी हार को जीत में बदलना चाहती हूँ
पूर्वाग्रह से दंशित ना होकर सत्य को स्वयं परखना  चाहती हूँ
 व्यतीत हो चुके अमूर्त पलों को मधुर संगीत में ढालना चाहती हूँ।

 हे महासमय !एक विशेष कालखण्ड में गमन करना चाहती हूँ
हे कालचक्र !तुम्हें मोड़कर नये सिरे से पुनश्चहः जीना चाहती हूँ
   
                                 मीनाक्षी मेहंदी

Wednesday, 5 April 2017

सिद्धिदात्री माँ नवम शक्ति

 सिद्धिदात्री
नवां रूप, सिद्धिदात्री, सिद्धियाँ या जीवन में सम्पूर्णता प्रदान करने वाला है| सम्पूर्णता का अर्थ है – विचार आने से पूर्व ही काम का हो जाना, यही सम्पूर्णता है|आप कुछ चाहो और वो पहले से ही वहां आ जाये| आपकी कामना उठे, इस से पहले ही सबकुछ आ जाये – यही सिद्धिदात्री है।
     सिद्धिदात्री माँ को कोटि कोटि नमन।

Tuesday, 4 April 2017

महागौरी माँ

महागौरी, माँ का आठवां रूप, अति सुंदर है, सबसे सुंदर ! सबसे अधिक कोमल, पूर्णत: करुणामयी, सबको आशीर्वाद देती हुईं| यह वो रूप है, जो सब मनोकामनाओं को पूरा करता है|
    महागौरी माँ को कोटि कोटि नमन।

Monday, 3 April 2017

कालरात्रि माँ

कालरात्रि
कालरात्रि देवी माँ के सबसे क्रूर,सबसे भयंकर रूप का नाम है| दुर्गा का यह रूप ही प्रकृति के प्रकोप का कारण है| प्रकृति के प्रकोप से कहीं भूकंप, कहीं बाढ़ और कहीं सुनामी आती है; ये सब माँ कालरात्रि की शक्ति से होता है| इसलिये, जब भी लोग ऐसे प्रकोप को देखते हैं, तो वो देवी के सभी नौ रूपों से प्रार्थना करते हैं।माँ का रूप भले ही भयानक हो किन्तु ये सदैव शुभ फल प्रदान करती हैं,तभी इन्हें शुभंकरी भी कहा जाता है।
    कालरात्रि माँ को कोटि कोटि नमन।

Sunday, 2 April 2017

कात्यायनी माँ

कात्यायनी
कात्यायनी अज्ञात की वो शक्ति है, जोकि अच्छाई के क्रोध से उत्पन्न होती है| क्रोध अच्छा भी होता है और बुरा भी| अच्छा क्रोध ज्ञान के साथ किया जाता है और बुरा क्रोध भावनाओं और स्वार्थ के साथ किया जाता है| ज्ञानी का क्रोध भी हितकर और उपयोगी होता है; जबकि अज्ञानी का प्रेम भी हानिप्रद हो सकता है| इस प्रकार, कात्यायनी क्रोध का वो रूप है जो सब प्रकार की नकरात्मकता को समाप्त कर सकता है।
       कात्यायन कुल में उत्पन्न हुई देवी जो पितृ कुल की प्रतिनिधि हैं।

Saturday, 1 April 2017

स्कंदमाता पंचम दिवस

स्कंदमाता
स्कन्दमाता वो दैवीय शक्ति है जो व्यवहारिक ज्ञान को सामने लाती है – वो जो ज्ञान को कर्म में बदलती हैं।
      मातृ शक्ति बनने की आलौकिक शक्ति नारी को प्रदान करने वाली देवी कोटि कोटि नमन।