नन्हें मेहमान का आगमन(२१)
उफ्फ भीषण गर्मी हो रही है, उस समय कूलर भी मुश्किल से दिखते थे ac तो शायद कुछ लोग ही जानते होंगे या वो भी नही,सीलिंग फैन के सहारे ही गर्मियां कटती थीं।अगर विधुत ना हो तो सब व्यर्थ।कस्बे में बिजली भी तो आँख मिचौली खेलती रहती थी।दोपहर को ओढ़ने की चादर गीली कर ओढ़ लेते थे जो चंद मिनटों में ही सूख जाती थी फिर गीली करके ओढ़ते,इसी कवायद में दोपहर कट जाती जब बिजली आती तो राहत लाती।मेहंदी सोचती कोई ऐसी मशीन होनी चाहिये जिसमें बिजली आने पर भर लो और जब बिजली चली जाए तब इस्तेमाल कर लो।वर्षों बाद ये आस पूरी हुई इन्वर्टर के रूप में, धन्य है वो जिसने पहले ac से dc में फिर dc से ac में बिजली को बदला ।उसे शत शत नमन।
मम्मी का पेट इतना फूलता क्यों जा रहा है, क्या हुआ है मम्मी को? मम्मी फ़्रिज से बर्फ़ की एक ट्रे निकालतीं जब तक सब भाई बहन एक टुकड़ा भी नही खा पाते थे तब तक वो पूरी ट्रे की बर्फ़ खा लेती थीं।मेहंदी को अचरज होता मम्मी को क्या होता जा रहा है।
तब उसे पता लगा कि एक छोटा भाई या बहन आने वाला है अब तो मेहंदी को मम्मी का पेट छूने में बड़ा मजा आता।नन्हा सा भैया आने वाला है उसके साथ ख़ूब खेलूंगी।कोई चिढ़ा देता बहन आएगी तो वो वाकई में चिढ़ जाती नही भैया है और मम्मी का पेट छू कहती शूज़ पहना है भैया ही है।
और फ़िर एक सुबह नन्हा मुन्ना भाई आया जो मेहंदी की आँख का तारा और खिलौना बन गया।
उफ्फ भीषण गर्मी हो रही है, उस समय कूलर भी मुश्किल से दिखते थे ac तो शायद कुछ लोग ही जानते होंगे या वो भी नही,सीलिंग फैन के सहारे ही गर्मियां कटती थीं।अगर विधुत ना हो तो सब व्यर्थ।कस्बे में बिजली भी तो आँख मिचौली खेलती रहती थी।दोपहर को ओढ़ने की चादर गीली कर ओढ़ लेते थे जो चंद मिनटों में ही सूख जाती थी फिर गीली करके ओढ़ते,इसी कवायद में दोपहर कट जाती जब बिजली आती तो राहत लाती।मेहंदी सोचती कोई ऐसी मशीन होनी चाहिये जिसमें बिजली आने पर भर लो और जब बिजली चली जाए तब इस्तेमाल कर लो।वर्षों बाद ये आस पूरी हुई इन्वर्टर के रूप में, धन्य है वो जिसने पहले ac से dc में फिर dc से ac में बिजली को बदला ।उसे शत शत नमन।
मम्मी का पेट इतना फूलता क्यों जा रहा है, क्या हुआ है मम्मी को? मम्मी फ़्रिज से बर्फ़ की एक ट्रे निकालतीं जब तक सब भाई बहन एक टुकड़ा भी नही खा पाते थे तब तक वो पूरी ट्रे की बर्फ़ खा लेती थीं।मेहंदी को अचरज होता मम्मी को क्या होता जा रहा है।
तब उसे पता लगा कि एक छोटा भाई या बहन आने वाला है अब तो मेहंदी को मम्मी का पेट छूने में बड़ा मजा आता।नन्हा सा भैया आने वाला है उसके साथ ख़ूब खेलूंगी।कोई चिढ़ा देता बहन आएगी तो वो वाकई में चिढ़ जाती नही भैया है और मम्मी का पेट छू कहती शूज़ पहना है भैया ही है।
और फ़िर एक सुबह नन्हा मुन्ना भाई आया जो मेहंदी की आँख का तारा और खिलौना बन गया।