Friday, 25 May 2018

विभिन्न पशुओं से परिचय(१८)

         विभिन्न पशुओं से परिचय(१८)
     बंदर से तो आम का धमाल हो ही चुका था।एक बार पूरा परिवार आँगन में बैठा हुआ गोलगप्पे खा रहा था,मेहँदी धीरे धीरे खा रही थी और सारा परिवार अंदर चला गया,एक बन्दर जल्दी से आया और सभी की तरह पानी में डुबो कर गोलगप्पे खाने लगा मेहंदी उसे इंसानों की तरह खाते देखती रही ना तो किसी को बन्दर भगाने बुलाया और ना ही अपने हिस्से के गोलगप्पे समाप्त होने की चिंता की।एक दिन एक लड़की घर आई उसका हाथ बुरी तरह फ्फका हुआ था पता लगा बिल्ली ने काटा था।उसे देख अजीब सी अनुभूति हुई।एक मरीज आया जिसे कुत्ते ने काट लिया था,उसको इंजेक्शन लगवाने की सलाह मिली ,14 सुई, अरे बाबा रे,मेहंदी को तो एक सुई से ही डर लगता था।उससे कड़वी गोलियां नहीं नहीं निगली जाती थीं, कभी बुख़ार आने पर जबरन खिलाईं जाने पर वो उलटी कर देती थी,तब पापा सिरींज भर लेते और ना ना करने पर भी उसे सुई लगवानी ही होती थी।वो तो पापा के प्रति उसका स्नेह होता था जो इंजेक्शन का दर्द सहन कर लेती थी क्योंकि उसके बाद डॉ साहब उसको कोई अच्छी सी चीज दिला कर उसके लाड़ भी करते थे।इसके अतिरिक्त मधुमक्खी, मक्खी,मच्छर तथा विद्यालय जाते हुए रस्ते में दिखने वाले मुर्गे,सूअर,गाय, भैंस,बकरी ,तितली तथा कई चिड़िया ,कौवे,तोते व विभिन्न पशु पक्षियों को मेहंदी पहचानने लगी थी,किसी को देख सिहर जाती थी एवं किसी को देख खुश हो जाती थी।कुल मिला कर प्रकृति की विभिन्नता से परिचय प्राप्त हो रहा था। 

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