Thursday, 15 June 2017

हास्यबोध

                       
हास्यबोध
जीवन में जितने भी रस हैं उसमें सर्वाधिक महत्व श्रृंगार रस को दिया जाता है सम्भवतः उसके बाद हास्य रस का ही स्थान आता है,बढ़ते हुये हास्य शो व उनकी सफलता भी इसी की परिचायक है।
    तनाव दूर करने हेतु आवश्यक है कि हास्य का महत्व समझा जाये, महानगरों में तो सुबह सुबह समूह बना कर लोग नकली अठ्ठाहस लगाते हुए हास्य चिकित्सा का लाभ उठाते दिख जाते हैं ,नकली हँसी से भी उनके स्वास्थ पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ता है, विचारणीय है यदि ये हास्य वास्तविक हो एवं जीवन का अभिन्न अंग बन जाये तो कितना स्वास्थ सुधार हो।
    हास्य का सबसे बड़ा उपयोग ये है कि आप अपने मन की बात निसंकोच कह सकते हैं यदि सामने वाला समझ गया तो अति उत्तम अन्यथा हँसी में उड़ा दो, समझ कर बुरा मान गया तो भी कहा जा सकता है कि अरे ये सब तो परिहास था और आपके सम्बन्ध बिगड़ने से बच जायेंगे।
       किन्तु हास व परिहास में अंतर होता है ,मजाक करने तथा मजाक बनाने के मध्य जो विभाजन रेखा है उसे समझना ही हास्य बोध है।कब किस समय किससे क्या बात कही जाये कि वो आपका मर्म समझ भी जाये और उसे बुरा भी ना लगे ये कला विकसित कर ही हास्यबोध में पारंगत हुआ जा सकता है।
     कुछ मनुष्यों में हास्यबोध जन्म से ही विधमान होता है वो अपनी चुटीली बातों से किसी को भी तनावमुक्त कर हँसा सकते हैं, ये व्यक्ति किसी भी उत्सव की शोभा बन जाते है तथा अत्यंत लोकप्रिय भी होते हैं, इनका साथ सभी को प्रिय लगता है।ये व्यक्ति से कड़वी सच्चाई भी हास्य के द्वारा व्यक्त कर देतें हैं तथा लोग जब इनका व्यंग्य समझ जाते हैं तो सुखद परिणाम भी प्राप्त होते हैं।
     हँसते हँसाते चेहरे सभी को प्रिय लगते हैं तो क्यों ना प्रयास करें अपने जीवन में हास्यबोध को महत्व देने का,जीवन के सूक्ष्म पलों में आनन्दित होने का एवं अन्य को भी हँसी से सराबोर करने का ,किन्तु हास व परिहास की सीमा रेखा का स्मरण रखते हुए यदि आपके अंदर ये समझ विकसित नही है तो समझदारी इसी में है कि हास्य से दूर ही रहें अन्यथा महाभारत होने में भी अधिक समय नहीं लगता है।
   
                                मीनाक्षी मेहंदी

टिप्पणी: हँसते हँसते कट जायें रस्ते....
            ज़िन्दगी यूँ ही चलती रहे........

1 comment:

  1. मेंहदी में हास परिहास की अनंतता है, मैं जानता हूं, इसलिए हास परिहास का लोभ छोड़ नहीं पाता हूं। hehehe

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